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चोपडा कुंड के द्वार संस्था के कर्मचारियों ने अंतर्मना प्रसन्न सागर जी गुरुदेव के आशीर्वाद व प्रेरणा से खोले और कहा कि संस्था से हमारी मांगे व असहयोग आंदोलन यथावत रहेगा l
तीर्थराज सम्मेदशिखर की सिद्ध भूमि पर परम पूज्य, उभयमासोपवासी, महातपोमार्तण्ड, दुर्धरतप शाश्वत तीर्थराज सम्मेदशिखर पर्वत पर कठिन तप , अखण्डमौन साधना करने वाले *साधना महोदधि अंतर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज कि प्रेरणा एवं आशीर्वाद से अंतर्मना संघ सानिध्य मै सम्पूर्ण जैन समाज को 40 महिने से बन्द पडा चौपड़ा कुण्ड के जिनालय को खुलवाकर भक्तो को दिया अपनी तप साधना से अतिशय पुण्य का उपहार।
इस शुभ संयोग पर मंदिर कर्मचारियों कि और से द्वारिका रेजवार जी ने कहा कि हम सभी बहुत भाग्य शाली है कि हमारे शाश्वत तीर्थ राज सम्मेद शिखर पर्वत की पारस नाथ टोंक पर साधना महोदधि अन्तर्मना आचार्य श्री108 प्रसन्न सागर जी महाराज की 557 दिन की उत्कृष्ट सिंहनिष्कड़ित व्रत की मोन तप साधना चल रही है l हम सभी गुरुवर कि अतिभव्य साधना से प्रभावित है l अंतर्मना गुरुदेव ने हमें आशीर्वाद व प्रेरणा दी कि आप भगवान के द्वार खोल दो, भगवान आपको सुखी, स्वस्थ और प्रसन्न रखेगा l अतएव हमने अंतर्मना गुरुदेव के आशीर्वाद कों अपना अहोभाग्य मानते हुवे साथ ही सम्पूर्ण भारत व विश्व के सभी जैन भाइयों कि आस्था व श्रद्धा कों ध्यान मे रखते हुवे हम सभी साथी कर्मचारियों ने आपसी समन्वयक से यह यह निर्णय लिया है कि मंदिर के द्वार सभी भक्तों के लिए खोल दिए जाये l और नियमित भगवान कि पूजा अर्चना हो l साथ ही सम्बंधित संस्था से हमारी मांगे और असहयोग आंदोलन यथावत रहेगा l आज अक्षय तृतीया का महाशुभ संयोग है l आज ही के दिन भगवान बद्रीनाथ के पट खुलते है, और आज हम भी अंतर्मना गुरुदेव के समक्ष उनके आशीर्वाद व प्रेरणा से हमारे पारस बाबा के द्वार खोल रहे है l
इस पावन पुनीत अवसर पर अंतर्मना आचार्य श्री ने अपने लिखित संदेश मे कहा कि -
णमो सव्व सिद्धाणं*
प्रिय आत्मन--अनन्त प्रेम ।
*- जिनकी बदौलत से हमे दौलत मिल रही है ।
हमारा घर,परिवार फल फूल रहा है ,आज वो ही परमात्मा 40 महिनो से बिना अभिषेक, पूजा,पाठ,विधान के बैठे थे ।
आज मन अति प्रसन्न हो रहा है कि
- *अक्षय तृतीया जैसा महान पर्व
*- उत्कृष्ट सिंहनिष्क़ीडित ब्रत मध्य के 16 उपवास की महा पारणा एवं 40 महिनो से बन्द पढा चौपड़ा कुण्ड जिनालय के भव्य द्वार उद्घाटन करके सम्पूर्ण जैन समाज को चौपड़ा कुण्ड का उपहार दिया एवं नित्य जिनाभिषेक ,पूजा-पाठ का उत्सव,
आने बाले हजारो लाखो तीर्थ यात्रीयो के उत्साह मै कारण बनेगा।
तीर्थराज सम्मेद शिखर पर्वत पर यह त्रय मणिकांचन संजोग, चोपड़ा कुंड पर विराजित ज्योतिर्मयी जिन मंदिर की दहलीज पर सम्पूर्ण जैन समाज के सुख सौभाग्य सदभाव,प्रेम-मैत्री पुण्य प्रभात का उदय है...।
- सबके जीवन की सुख,शान्ति समृद्धि आंहिसा प्रेम की मंगलमय कामना करता हू । सबको आशीर्वाद।
अन्तर्मना आचार्य प्रसन्न सागर